गूगल ने उस ई-मेल आईडी के बारे में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा को जानकारी दी है जिसके जरिये सीबीएसई अध्यक्ष को 10वीं कक्षा के गणित पेपर के लीक होने के संबंध में मेल भेजा गया था. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी हालांकि उन्होंने इस पर विस्तृत जानकारी देने से इनकार कर दिया.
इस बीच, पुलिस ने पेपर लीक मामले में अपनी जांच जारी रखी है और इस संबंध में उन्होंने बाहरी दिल्ली के कई स्कूलों और कोचिंग सेंटरों पर दबिश दी. अधिकारी ने बताया कि अभी तक 60 से अधिक लोगों से पूछताछ की जा चुकी है लेकिन मामले में कोई बड़ी सफलता हासिल नहीं हुई है.
सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) की अध्यक्ष अनीता कारवाल को 10वीं की गणित परीक्षा से करीब 9 घंटे पहले एक मेल मिला था. इस मेल में लिखा था कि पेपर लीक हो चुका है और पेपर की हैंड रिटन कॉपी अटैच की थी. मेल भेजने वाले की जानकारी हासिल करने के लिए पुलिस ने गूगल से ई- मेल आईडी के संबंध में जानकारी मांगी थी. यह परीक्षा 28 मार्च को हुई थी.
री-एग्जाम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका
पेपर लीक के बाद सीबीएसई ने 12वीं इकोनॉमिक्स और 10वीं मैथ्स पेपर दोबारा कराने का फैसला किया है. पूरे देश में 25 अप्रैल को इकोनॉमिक्स का री-एग्जाम होगा वहीं दसवीं की परीक्षा केवल दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में होगी. हालांकि अभी दसवीं के पेपर की तारीखों की घोषणा नहीं हुई है. री-एग्जाम के खिलाफ शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दर्ज की गई है. शकरपुर निवासी रिपक कंसल ने अपनी याचिका में कहा है कि बिना जांच कराए फिर से परीक्षा लेने का कोई औचित्य नहीं है.
याचिका में कहा गया है, "यह गौर किया गया कि इस वर्ष 16 लाख 38 हजार 428 छात्र 10वीं की परीक्षा और 11 लाख 86 हजार 306 छात्र 12वीं की परीक्षा (सीबीएसई) में शामिल हुए थे. और इसलिए जिस घटना की जांच चल रही है उसके पूरा हुए बिना छात्र समुदाय को दंडित करना और फिर से परीक्षा का नोटिस जारी करना छात्रों के मूलभूत अधिकारों को प्रभावित करता है और यह स्वेच्छाचारितापूर्ण, अवैध और असंवैधानिक है.’’
याचिका में आरोप लगाया गया है कि परीक्षा शुरू होने से पहले सोशल मीडिया पर कई घंटे तक प्रश्न पत्र लीक होने की खबर चली. याचिका में कहा गया है, "सूचना और शिकायतों के बावजूद सीबीएसई ने प्रश्न पत्रों के लीक होने से इनकार किया और छात्रों तथा अभिभावकों से भयभीत नहीं होने की अपील की." याचिका में मांग की गई कि बोर्ड को हो चुकी परीक्षाओं के आधार पर परिणाम घोषित करने के निर्देश दिए जाएं.
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