दिल्ली. कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तारीख का एलान हो चुका है। यहां एक बार फिर बीजेपी और कांग्रेस का सीधा मुकाबला है। हालांकि, आप कह सकते हैं कि यहां जनता दल एस की मौजूदगी भी तो है। लेकिन, फिलहाल तो इसका जिक्र ज्यादा नहीं हो रहा है। बहरहाल, इस चुनाव में पांच चेहरे ऐसे हैं जिनका चर्चा में रहना तय है। यहां हम इनके नाम और उनकी जिम्मेदारी आपको बता रहे हैं।
पहले जानिए कि क्या विपक्ष उत्साहित है?
- भाजपा हाल ही में यूपी की दो सीटें में हारी। मायावती हों या अखिलेश यादव या फिर कांग्रेस। सभी कहने लगे कि नरेंद्र मोदी सरकार की लोकप्रियता खत्म हो चुकी है। और जनता केंद्र सरकार से नाराज है।
बीजेपी ने बदला लिया?
- गोरखपुर और फूलपुर की लोकसभा सीटों पर हार का बदला भाजपा ने राज्यसभा चुनाव में लिया। यूपी की 10 में से 9 सीटें पार्टी ने जीत लीं।
कर्नाटक की 224 सीटों पर 12 मई को वोटिंग, 15 मई को नतीजे; मुकाबला येदियुरप्पा v/s सिद्धारमैया
कर्नाटक में किन पांच चेहरों पर रहेगी नजर?
नरेंद्र मोदी: केंद्र सरकार के चार साल पूरे होने वाले हैं। मोदी की साख को दांव पर बताया जा रहा है। लेकिन, पंजाब को छोड़ दिया जाए तो भाजपा ज्यादातर राज्यों में चुनाव प्रधानमंत्री के नाम पर ही जीती। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने कर्नाटक की 28 में से 17 सीटें जीती थीं। वोट शेयर 42.4% रहा था।
राहुल गांधी
- गुजरात चुनाव के बाद अपनी इमेज बदलने में कुछ हद तक कामयाब रहे। पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद यह उनका चौथा विधानसभा चुनाव है। इससे पहले उन्होंने त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय में कैम्पेनिंग की थी। हालांकि, कांग्रेस मेघालय में सरकार नहीं बचा पाई थी। कर्नाटक में राहुल मंदिर-मंदिर घूम रहे हैं।
सिद्धारमैया
- कर्नाटक के मुख्यमंत्री हैं। सरकार बचाने की चुनौती है। भाजपा उन पर करप्शन और हिंदू विरोधी होने का आरोप लगा रही। हालांकि, वो दावा करते हैं कि पिछली बार से भी ज्यादा सीटें जीतेंगे।
अमित शाह
- राज्य में भाजपा को कामयाबी दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। उन्होंने 16 केंद्रीय मंत्रियों, 24 सांसदों समेत 55 लोगों की एक टीम तैयार की है। जिसे मार्च के आखिर तक रिपोर्ट देनी है। शाह ने 16 केंद्रीय मंत्रियों को चार-चार विधानसभा सीटों का जिम्मा दिया है। खुद भी एक महीने में दूसरी बार राज्य के दौरे पर पहुंचे हैं।
बीएस. येदियुरप्पा
- भाजपा के मुख्यमंत्री पद उम्मीदवार हैं। डेढ़ साल में दो बार पूरे कर्नाटक का दौरा कर चुके हैं। लिंगायतों में मजबूत पकड़। उन पर करप्शन के आरोप लग चुके हैं। लेकिन, बीजेपी का सबसे लोकप्रिय चेहरा हैं। इसमें कोई दो राय नहीं।
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