नई दिल्ली,राहुल गांधी के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद पहले कांग्रेस महाधिवेशन में 2019 लोकसभा चुनाव का रोडमैप तैयार करना शुरू कर दिया है। उन्होंने साफ कर दिया है कि वह किसी भी तरह अगले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस को हराना चाहते हैं। अधिवेशन के दौरान संभावित गठजोड़ पर इशारा करते हुए, कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को कहा कि 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा-आरएसएस को हराने के लिए सभी समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ सहयोग के लिए व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाया जाएगा।
कांग्रेस का दृष्टिकोण बेहद साफ है कि जो कोई भी केंद्र की मोदी सरकार को हराना चाहता है, वो उनके साथ आ सकता है। ऐसी पार्टियों के लिए उनके दरवाजे खुले हैं। पार्टी ने अपने राजनीतिक संकल्प में कहा, 'कांग्रेस सभी समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ सहयोग के लिए एक व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाएगी और 2019 के चुनावों में भाजपा-आरएसएस को हराने के लिए एक सामान्य कार्ययोजना तैयार करेगी।'
ईवीएम का मुद्दा भी कांग्रेस अधिवेशन में उठाया गया। कांग्रेस ने अपने राजनीतिक संकल्प में कहा, 'निर्वाचन आयोग के पास स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए संवैधानिक जनादेश है। अब यह चुनाव आयोग का दायित्व है कि मतदान प्रक्रिया और चुनाव प्रणाली की अखंडता में लोगों के विश्वास को बनाए रखने के लिए पारदर्शी कदम उठाए।'
साथ ही यह भी कहा गया है कि लोकप्रिय फैसले के विपरीत परिणाम को हेरफेर करने के लिए ईवीएम के दुरुपयोग से राजनीतिक दलों और लोगों के बीच आशंका है। अपने प्रस्ताव में, कांग्रेस ने चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए पेपर मतपत्रों की पुराने प्रक्रिया को वापस लाने के लिए चुनाव आयोग से अनुरोध किया।
इससे पहले राहुल गांधी ने पार्टी अध्यक्ष के रूप में प्रथम पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए यह दावा किया कि ये कांग्रेस पार्टी ही है, जो 'रास्ता दिखाने और राष्ट्र को आगे बढ़ा' सकती है। ज्ञात हो कि देश में आम चुनाव अप्रैल या मई 2019 में हो सकते हैं।
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